हमारे देश के किसान हमेशा से अर्थव्यवस्था के मेरुदंड रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उर्वरक क्षेत्र में अभिनव उपायों के द्वारा इस मेरुदंड को मजबूती प्रदान करने की ओर अग्रसर है। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इस क्षेत्र में कई संरचनात्मक बदलाव जरूरी हैं, क्योंकि देश में 45.6 प्रतिशत कार्यबल कृषि में कार्यरत है। किसान कल्याण को ध्यान में रखते हुए सरकार महत्वपूर्ण पहल कर रही है, ताकि किसानों को एक ही छत के नीचे उर्वरक और कृषि संबंधी अन्य सामग्री सस्ती दरों पर मिलें, जिससे वे कृषि उत्पादन को बढ़ाने और अपनी आय में वृद्धि करने के लिए नई तकनीकों को अपनाएं। इन उद्देश्यों के साथ मोदी जी किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण पहल शुरू करने जा रहे हैं। पहला है, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) और दूसरा है प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना, जिसे ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ कहा जा रहा है। इसके तहत सभी प्रकार के प्रमुख उर्वरकों के लिए सिंगल ब्रांड ‘भारत’ का उपयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों को एक छत के नीचे उचित मूल्य पर उर्वरक, बीज और कीटनाशक जैसी सभी गुणवत्ता वाली कृषि सामग्री मुहैया कराएंगे। ये किसानों के लिए वन स्टाप शाप के रूप में कार्य करेंगे। इन केंद्रों में खरपतवारनाशक, कीटनाशक, बीज और छोटे कृषि उपकरण जैसे दरांती, स्प्रेयर आदि भी उपलब्ध होंगे। ये केंद्र तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन सहित छोटे-बड़े कृषि उपकरण किराए पर देंगे। साथ ही उर्वरकों के संतुलित उपयोग के साथ-साथ नवीनतम एवं सर्वोत्तम कृषि प्रौद्योगिकी और प्रथाओं के बारे में किसानों को जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र तीन स्तरों-ग्राम, तहसील और जिला स्तर पर काम करेंगे। ग्राम स्तर पर ये किसानों को फसल से जुड़ी पाठ्यसामग्री देंगे, मृदा उर्वरता की जानकारी देंगे, सरकारी अधिकारियों के संदेश तथा भंडारण स्थिति के बारे में बताएंगे, सब्सिडी एवं अधिकतम खुदरा मूल्य आदि की सुविधा प्रदान करेंगे।
तहसील स्तर के केंद्रों पर किसानों को नए दौर के उर्वरक एवं सरकारी योजनाओं के संबंध में हेल्प डेस्क, फसल संबंधी परामर्श, कामन सर्विस सेंटर, मृदा एवं कीटनाशक परीक्षण, बीज का नमूना संग्रह, स्प्रेयर, डस्टर एवं ड्रोन के लिए कस्टम हायरिंग की सुविधा मिलेगी तथा मंडी की कीमतों और मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। जिला स्तर के केंद्रों पर किसानों को संपूर्ण उत्पाद शृंखला की जानकारी मिलेगी, मृदा, बीज, जल एवं कीटनाशकों के लिए परीक्षण की सुविधा मिलेगी और खुदरा विक्रेताओं एवं कामन सर्विस सेंटर की क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों पर खुदरा विक्रेताओं को जानकारी के साथ सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक छह महीने में प्रशिक्षित किया जाएगा। यहां कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी और कृषि विशेषज्ञ खुदरा विक्रेताओं को उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए प्रोत्साहन देंगे, नए दौर के उर्वरक समाधान जैसे नैनो एवं जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल और फायदे से जुड़ी जानकारी देंगे तथा नियमित तौर पर प्रशिक्षित करेंगे। यहां प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानियों को भी किसानों के साथ व्यापक तौर पर साझा किया जाएगा। साथ ही नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी, फसल कीट संक्रमण की चेतावनी और मंडी दर आदि की जानकारी भी दी जाएगी।
वहीं प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना एक और क्रांतिकारी योजना है। अब देश में बेचे जाने वाले सभी प्रकार के प्रमुख उर्वरकों के लिए सिंगल ब्रांड ‘भारत यूरिया’, ‘भारत डीएपी’, ‘भारत एमओपी (पोटाश)’ और ‘भारत एनपीके’ की बिक्री की जाएगी। ‘वन नेशन-वन फर्टिलाइजर’ किसानों को ब्रांड विशिष्ट पसंद के भ्रम को दूर करने में मदद करेगा, क्योंकि एक खास तरह के उर्वरक के लिए विभिन्न ब्रांडों में कोई उत्पाद विषमता नहीं होती है।
इसकी प्रमुख वजह यह है कि किसी विशेष श्रेणी के उर्वरक में उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत निर्धारित निर्देशों के अनुसार समान पोषक तत्व होने चाहिए। उदाहरण के लिए डीएपी या यूरिया में समान मात्रा में पोषक तत्व होते हैं चाहे वह एक कंपनी द्वारा उत्पादित की गई हो या किसी दूसरी कंपनी के द्वारा।
किसान आमतौर पर इस तथ्य से अनजान होते हैं और उस क्षेत्र में कंपनियों द्वारा विकसित मजबूत विपणन रणनीतियों और मजबूत खुदरा विक्रेता नेटवर्क के परिणामस्वरूप कुछ ब्रांडों को पसंद करते हैं। वर्षों से इस ब्रांड वरीयता के परिणामस्वरूप किसानों को उर्वरकों की आपूर्ति में देरी हो रही है और उर्वरकों की लंबी दूरी की आवाजाही के परिणामस्वरूप माल ढुलाई सब्सिडी में वृद्धि के कारण राजकोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
भारत ने एक अरब से अधिक आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उर्वरक, बीज, कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि कृषि सामग्रियों की समय पर आपूर्ति आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान करती है। पीएमकेएसके और वन नेशन-वन फर्टिलाइजर, दोनों पहल का उद्देश्य किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरकों एवं अन्य कृषि सुविधाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करके कृषि उत्पादन में वृद्धि करना और संतुलित पोषक तत्वों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है, जो कि सतत कृषि विकास और किसानों की समृद्धि के लिए आवश्यक है।